Twara ek Ehsas
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त्वरा – एक एहसास, ये किताब एक सफ़र है डॉ. रिंकू का, एक उछलते-कूदते झरने से नदी बनने तक का।
त्वरा – एक एहसास, ये किताब एक सफ़र है डॉ. रिंकू का, एक उछलते-कूदते झरने से नदी बनने तक का। उनकी कलम की धार, धीरे-धीरे ज़िन्दगी के अनुभव के साथ पैनी होती हुई इस किताब में सिमटी और कलम का प्रवाह तीव्र से मद्धम हो आया। डॉ. रिंकू अपनी ज़िंदगी में रिश्तों और उनके एहसासों को ख़ास महत्व देती हैं। वो गुजरात के एक छोटे से शहर मोड़ासा में जन्मीं पर जिंदगी के सफ़र में मुंबई और अहमदाबाद से होते हुए, एक शांत शहर, बड़ौदा में बस गईं। उनकी पढ़ाई विज्ञान और चिकित्सा की हुई, परंतु भाषा के प्रति उनका प्रेम, पहले उँगली पकड़कर उन्हें गुजराती की ओर ले गया, फ़िर हिन्दी से हिंदुस्तानी तक ले आया। डॉ. रिंकू की कविताओं में आपको भावनाओं के साथ-साथ जीवन का अवलोकन भी पढ़ने को मिलेगा। इस काव्य संग्रह से पहले डॉ. रिंकू की दो कॉफ़ी टेबल किताबें आ चुकी हैं और कुछ उनका काम ५-६ कविता/कहानी संग्रहों में भी पढ़ा जा सकता है। इसके अलावा आप योरक्वॉट पर और इंस्टाग्राम हैंडल tvara_writings पर भी पढ़ सकते हैं।
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