कहानियाँ ढूँढने की और कहानियाँ बता पाने की सतत् कोशिश…यही है वंदना की नित्य प्रेरणा।
पढ़ाई के २३ साल अंतराल के बाद, डॉ वंदना ने दर्शन शास्त्र में डाक्टरेट हासिल किया। जिसका श्रेय, वे, किताबों से कही ज़्यादा अपनी परिकल्पना और रोमांचक जीवन को देती हैं।
किसी आम दिन पर आप वंदना को अपनी बेटियों के साथ खिलखिलाता या कहीं बर्फ से खेलते, किले बनाते हुए पाएंगे।