गुलाबी शहर जयपुर के विविध रंगो और सौंदर्य में पली-बढ़ी एक bibliophile और एक सौम्य व्यक्तित्व। वो हमेशा सुबह की ताजगी,दोपहर के आलस और शाम के उत्साह से प्रेरित रही हैरान, जो बिखरकर लंबी रातों की भव्यता में परिणीत होता है। नेहा गोयल, जो अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोना पसन्द करती हैं । यही उनका अभ्यारण है, एक शौकीन पाठक, जिनके जीवन की तलाश, उनके सपनों और वास्तविकता के बीच का सफर है। एक अंतर्मुखी, जो अपनी काव्यात्मक आखों, थोड़े प्यार और बहुत सारी किताबों के जरिये, जीवन के रहस्यों को समझने के प्रयास में है। अगर कुछ कहना या सुनना चाहें,