पढ़ना लिखने का पहला पायदान होता है। ये बात अक्षरसः साबित करते है हितेश जी।जिन्हें सब प्यार से हितु के नाम से जानते है।
पेशे से इंजीनियर हितु गुजरात के सोराष्ट्र् ज़िले में पैदा हुए। उन्होने बड़ौदा मे अपनी पढ़ाई की और वही से अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत की। कुछ साल बड़ौदा और सूरत में गुज़ारने के बाद अब अहमदाबाद मे स्थाई है।
कम बोलना, ज्यादा सुनना और गहराई से लिखना हितु की अनेक खूबियों में से एक है। वो कैमरे से खींची अपनी तस्वीरों से भी बोलना और लिखना जानते है।
हितु जीवन से जुड़ी हुई और रिश्तों के घेरे में रहती संवेदनाओं को अपनी कलम से काग़ज़ पर उतारना पसंद करते हैं। खुद को गर्व से Bibliophile कहलाने वाले हितु, घर में अपने Me Time मे ज़्यादातर अपनी लाइब्ररी के आसपास रहते हैं।
सादगी और क़िताबें उनके दिल के हमेशा करीब रही हैं। शब्दों से उनका परिचय किताबों ने करवाया और फ़िर वो उनके जीवन का अनिवार्य अंग बन गयी, मानो हितु और किताबें एक दूसरे के पर्याय हों। कुछ ऐसा ही रिश्ता तस्वीरों के साथ भी है उनका। किताबों और क़ुदरत की खूबसूरती को तस्वीरोमे ढालना उन्हे बेहद पसंद है।
आप उनकी कविताएँ, तस्वीरें और ख़्याल yourquote (hituwrites) और इंस्टाग्राम (@hituzworld, @monochromagics) पर भी पढ़ सकते हैं।